Foxtail Millet कंगनी
आजकी तेज आपाधापी वाली जीवन शैली में हमारे शरीर को पूरा पोषण नहीं मिलपाता और हम लोग धीरे धीरे एलोपैथिक और आर्टिफीसियल विटामिन्स, आर्टिफीसियल प्रोटीन और एनर्जी ड्रिंक्स की और आकर्षित होते है, पर हम इन चीजों काउपयोग न करते हुए रोजाना कुछ मात्रा में मिलेट का सेवन कर के हमरी सेहत पर पॉजिटिव प्रभाव दाल सकते है ऐसा dietitian और डॉक्टर्स का भी मानना है, हालांकि मिलेटस का सेवन करने के लिए आपको गेहूं-चावल छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है. रोजाना की डाइट में २५ से ५० प्रतिशत मोटा अनाज जोडें. इससे शरीर को सभी तरह पोषक तत्वों की आपूर्ति होने लगेगी और कैंसर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी टल जाएगा. मिलेट (मोटा अनाज) कोई चमत्कार से कम नहीं है, बल्कि ये विज्ञान है. आज मोटे अनाजों में सबसे ज्यादा खेती कंगनी कि होती है. पुरे एशिया में कंगनी की खेती बड़े पैमाने पर हो रही रही है. आइए जानते हैं कि कंगनी क्यों हमेशा से ही इतनी खास रही है है|
Foxtail Millet

भारत में कंगनी का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तराखंड और हिमांचल में होता है , हलाकि पहाड़ों से बढ़ते हुआ पलायन के बीच में अब इसकी उपज कम होती जा रही है. लेकिन भारत सरकार का मोठे अनाज को बढ़ावा देने के लिए किसानो को काफी प्रेरित किया जा रहा है | कंगनी को फॉक्सटेल मिलेट से भी जाना जाता है , जोकि रंग में पिली और स्वाद हल्की मीठा-कड़वा होता है. बहोत से लोग कंगनी को गेहूं और चावल में भी मिलाकर भी खाते हैं.
उत्तराखंड में कंगनी के कई प्रकार के पारंपरिक व्यंजन भी बनाए जाते हैं. पहाड़ो के इलाकों में कंगनी को चीनी बाजरा भी कहते हैं. चीन में कंगनी का उत्पादन 600 ई.पु.से हो रहा है| भारत में पहाड़ी इलाको में इससे खीर, रोटियां, दलिया, भात, इडली, मिठाईया और बिस्किट आदि बनाए जाते रहे हैं.

कंगनी में पायी जाने वाली खूबियां
कंगनी में प्रचुर मात्रा में फाइबर,मैग्नीशियम,फास्फोरस,आयरन, कैरोटिन, कैल्शियम, विटामिन,प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट,राइबोफ्लेविन, थियामिन आदि घटकतत्व मौजूद होते है. कंगनी को बच्चों और गर्भवती महिलाओं के सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बताया गया है.
कंगनी के नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द और आर्थराइटिस के दर्द में होनेवाली सूजन के साथ-साथ पाचन की गड़बड़ी को भी दूर किया जा सकता है. कंगनी में पयेजनेवाल आयरन और प्रोटीन एनीमिया यानी खून को कमी को पूर्ण करनेमे बहोत सहायक होते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स से कैंसर और तनाव में होनेवाली तकलीफो को भी कम किया जा सकता है.
कंगनी को कैसे खाएं गेहूं और चावल की तरह ही सेवन किया जाता है. आप कंगनी से रोटी, पराठे, दलिया, खीर,के अलावा स्नैक्स भी बना सकते हैं. कंगनी से कोई भी पदार्थ बनाने से पहले इसको 6 घंटे भिगाना चाहिए ताकि इसका टेक्सचर सही हो और पचने में आसानी हो जाए.
कंगनी Foxtail Millet: फाइबर का बहोत अच्छा स्रोत है .
कंगनी से बनाये जाने वाले उपमा बनाने की रेसिपी।
हमें फॉक्सटेल मिलेट का उपमा बनाने के लिए लगने वाली सामग्री ( २ सर्विंग के लिए )
250 ग्राम कंगनी (फॉक्सटेल मिलेट)
दो गाजर
एक प्याज़
एक कटोरी मटर के दाने
10 – 12 करी के पत्ते
4 हरी मिर्चें
नमक
आधा चम्मच हल्दी
चुटकी भर हींग
और घी

कंगनी से उपमा बनाने की विधि ( Healthy Millet upma Recipe):
सबसे पहले फॉक्सटेल मिलेट को पानी से साफ करना चाहिए क्योकि इसमें, रेशों (फाइबर) की मात्रा अधिक होती है, इसीलिए 2-3 पानी से इसे साफ कर ने के बाद ही इसको प्रोग में लाये
फिर कंगनी को 4 गिलास पानी के साथ कूकर में डालकर इसमें दो चम्मच नमक मिलकर कूकर को आंच पर रखें।
3 से 4 सीटी हो जाने के बाद कूकर को उतार लें और फिर मिलेट को छानकर एक तरफ रख दें।
अब एक कड़ाही में घी को गर्म करें और इसमें थोड़ा हींग और थोड़ा जीरा, हरी मिर्चें मिलादे और करी पत्ता को डालें, प्याज को काटकर इस को तड़का दे, में डालें और 2-3 मिनट पकाएं। अब, कद्दूकस की हुई गाजर और उबली हुई मटर के दानें इसमें डाल दें।
और इस मिश्रण में हल्दी, नमक भी डाल दें, और तड़के को अच्छा पकने दें।
इसके बाद छान धोकर रखी गयी कंगनी को इस तड़के में पलट दें। 5 से ६ मिनट तक इसको चलाते रहे, चलाने के मिश्रण को ढांक दें।
इसको पकने में ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट तक का समय लगता है।
और उपमा को परोसते समय इसमें घी का प्रयोग करे

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